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Tuesday 14 February 2017

चाणक्य नीति

चाणक्य नीति: सफल व्यक्ति में होते हैं ये गुण, देखें आप में कितने हैं =

अर्थशास्त्र अौर राजनीति के पितामह आचार्य चाणक्य जैसे महान व्यक्ति इतिहास में ढूंढने से भी नहीं मिलते। इनकी नीतियों में जीवन का निर्वाह करने के रहस्य समाहित होते हैं। जिन पर अमल करके जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है। आइए जाने चाणक्य की नीतियां-

* बिता हुआ समय कभी वापिस नहीं आता। बीते समय को याद करके पछताना व्यर्थ है। यदि बीते समय में गलती हो गई है तो उसे याद करने से अच्छा उससे शिक्षा लेकर वर्तमान को उत्तम बनाने का प्रयास करना चाहिए।
* ऐसा धन जो अधिक कष्टों के बाद मिले, जिसके लिए धर्म का त्याग करना पड़े, दुश्मनों की चापलूसी करनी पड़े या उनकी सत्ता को स्वीकारना पड़े तो ऐसे धन का कदापि मोह नहीं करना चाहिए।
* किसी भी काम को आरंभ करने से पूर्व 3 बातों का ध्यान रखना चाहिए- मैं यह कार्य क्यों करना चाहता हूं? जो काम करना है उसका क्या परिणाम होगा? क्या इस कार्य में सफलता मिलेगी?
* चाणक्य के अनुसार सांप विषैला न हो तो भी वह फुफकारना नहीं छोड़ता। खुद को विषहीन साबित करने से सांप का जीवन संकट में पड़ सकता है। शक्तिहीन व्यक्ति को सांप से शिक्षा लेकर अपनी कमजोरी का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए।
* किसी पदार्थ की सुगंध के प्रसार के लिए हवा जरुरी होती है, लेकिन व्यक्ति को अपने गुणों अौर योग्यताअों के प्रसार के लिए हवा की आवश्यकता नहीं पड़ती। व्यक्ति के गुण अौर योग्यता सारी दिशाअों में अपने आप फैल जाते हैं।
* कमजोर लोगों से शत्रुता मोल लेना खतरनाक है। कमजोर व्यक्ति उस समय वार करता है जिसकी हम कभी भी कल्पना नहीं कर सकते है।

 चाणक्य नीति: जीवन में ऐसे व्यक्ति पर न करें भरोसा = 
                                                                                                                       
आचार्य चाणक्य एक बड़े दूरदर्शी विद्वान थे। चाणक्य जैसे बुद्धिमान, रणनीतिज्ञ, चरित्रवान व राष्ट्रहित के प्रति समर्पित भाव वाले व्यक्ति भारत के इतिहास में ढूंढने से भी बहुत कम मिलते हैं। इनकी नीतियों में उत्तम जीवन का निर्वाह करने के बहुत से रहस्य समाहित हैं, जो आज भी उतने ही कारगर सिद्ध होते हैं। जितने कल थे। इन नीतियों को अपने जीवन में अपनाने से बहुत सी समस्याओं से बचा जा सकता है। चाणक्य ने ऐसे व्यक्ति के बारे में बताया है जिस पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

चाणक्य नीति: अपने ऊपर न होने दें इस बुराई को हावी, खो सकते हैं अपना सब कुछ =
                                   
 आचार्य चाणक्य का जन्म करीब 300 ईसा पूर्व में हुआ माना जाता है। महान राजनीतिज्ञ अौर कुटनीतिज्ञ होने के साथ-साथ इन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना व चन्द्रगुप्त मौर्य को सम्राट बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। पाटलिपुत्र से संबंध होने के कारण उसे इन्होंने अपनी कर्मभूमि बनाया। आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभवों को चाणक्य नीति के द्वारा लोगों तक पहुंचाया। चाणक्य नीति की ज्यादातर बातें सिर्फ आदर्श से प्रभावित नहीं हैं, उनमें यथार्थ की स्पष्ट झलक है। इन नीतियों का पालन करने से हम कई परेशानियों से बच सकते हैं। चाणक्य के अनुसार जुआ में लिप्त रहने वाला व्यक्ति अपना सब कुछ गंवा देता है।
 आचार्य चाणक्य कहते हैं कि-
                         
नास्ति कार्य द्यूतप्रवृत्तस्य। 

भावार्थ: जो राजा जुए में लिप्त रहता है उसके कार्य कभी पूरे नहीं होते। प्रजा और राजकर्मचारी उसकी ओर से उदासीन हो जाते हैं और ऐसा राजा शीघ्र ही श्रीहीन होकर अपना सब कुछ गंवा देता है।
अर्थेषु पात व्यसनी न गम्यते।।

भावार्थ: समाज में शराबी व्यक्ति का भरोसा नहीं किया जा सकता। उसे कभी कोई कार्य नहीं सौंपना चाहिए। वह उसे कभी पूरा नहीं कर सकता।


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SANDEEP KUMAR